नई दिल्ली, 24 जून 2025 — भारत की संसद ने आज बहुमत से “कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रबंधन अधिनियम, 2025” को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य AI के विकास और उपयोग को सुचारू, पारदर्शी और नैतिक बनाना है। इस ऐक्ट के लागू होते ही देश AI-संचालित उत्पादों, सेवाओं और शोध पर व्यापक निगरानी रख सकेगा।
अधिनियम के मुख्य प्रावधान
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AI रजिस्ट्रेशन पोर्टल
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सभी AI सिस्टम—व्यावसायिक, शैक्षिक या सरकारी—को राष्ट्रीय AI पोर्टल पर रजिस्टर करना अनिवार्य रहेगा।
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पोर्टल पर समाधान की श्रेणी, उपयोग के उद्देश्य, और डेटा सोर्सेज़ का विवरण देना होगा।
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नैतिक दिशानिर्देश
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“बायस-मुक्त एल्गोरिदम” सुनिश्चित करने के लिए तटस्थता एवं विविधता जांच (bias audit) अनिवार्य।
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मानव-निगरानी (human-in-the-loop) वाली उच्च-जोखिम वाली AI परियोजनाओं में मानवीय हस्तक्षेप की गारंटी।
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सुरक्षा और गोपनीयता
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संवेदनशील जनसांख्यिकीय या स्वास्थ्य संबंधी फैसले लेने वाले AI मॉडल पर कठोर डेटा सुरक्षा मानदंड लागू।
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उल्लंघन की स्थिति में दंड: ₹10 करोड़ तक का जुर्माना या 3 वर्षों तक की कारावास, जो भी अधिक हो।
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अधिकारिता एवं निगरानी निकाय
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“राष्ट्रीय AI प्राधिकरण” (NAIA) का गठन, जिसके पास निरीक्षण, जाँच और दिशानिर्देश जारी करने का अधिकार होगा।
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NAIA को वार्षिक रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें AI के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव का मूल्यांकन होगा।
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उद्योग और शोध समुदाय की प्रतिक्रिया
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आईटी उद्योग:
NASSCOM के सीईओ ने कहा,“यह अधिनियम भारत को संतुलित, जिम्मेदार AI नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाएगा। पारदर्शिता से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।”
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शैक्षणिक जगत:
IISc के प्रो. आर.पी. शर्मा ने बताया,“अनुसंधान संस्थान अब नैतिक दिशानिर्देशों के अंतर्गत सुरक्षित रूप से अत्याधुनिक AI शोध कर सकेंगे।”
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स्टार्टअप इकोसिस्टम:
छोटे AI स्टार्टअप्स को रजिस्ट्रेशन और अनुपालन प्रक्रियाओं में आरंभिक चुनौती हो सकती है, पर दीर्घकाल में स्पष्ट नियम-नीति गति लाएगी।
चुनौतियाँ और आगे की रणनीति
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अनुपालन लागत:
छोटे उद्यमों के लिए मॉडल ऑडिट, डेटा रिपोर्टिंग और सुरक्षा जांच की अतिरिक्त लागत चुनौतीपूर्ण होगी। -
तकनीकी क्षमता निर्माण:
NAIA द्वारा प्रमाणित बायस ऑडिटर और AI सुरक्षा विशेषज्ञों की प्रशिक्षण योजनाएँ शुरू की जाएँगी। -
अंतर्राष्ट्रीय समन्वय:
वैश्विक AI मानकों (OECD, यूएन) के साथ तालमेल बिठाने के लिए संयुक्त तकनीकी वर्किंग ग्रुप बनाए जाएंगे।
निष्कर्ष
“कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रबंधन अधिनियम, 2025” के साथ भारत ने AI को संरचित, जिम्मेदार और मानव-केंद्रित दिशा में नियंत्रित करने का मार्ग चुना है। यह अधिनियम न केवल नवाचार को पोषित करेगा, बल्कि सुरक्षा, नैतिकता और पारदर्शिता के आयामों को भी मजबूत करेगा—जिससे भारत एक विश्वसनीय और अग्रणी AI हब बन सकेगा।